गाजियाबाद से कानपुर-लखनऊ की दूरी को छोटा करने का अभियान
भूमिका:
भारतीय नागरिक उड्डयन के राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह जी के चल रहे ‘ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर’ प्रोजेक्ट ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से कानपुर-लखनऊ की दूरी को काफी कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से जनरल वीके सिंह जी ने एक समृद्ध और विकसित उत्तर प्रदेश के लिए सपना देखा है, जहां उद्योग, व्यापार और परिवहन क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
मंत्री श्री नितिन गड़करी के साथ बैठक:
जनरल वीके सिंह जी के चल रहे ‘ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर’ प्रोजेक्ट के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक को माननीय श्री नितिन गड़करी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार के साथ आयोजित किया गया। इस बैठक में प्रोजेक्ट की प्रगति पर चर्चा की गई और नए दिशा-निर्देश तय किए गए। माननीय मंत्री जी ने प्रोजेक्ट को तेजी से काम में लाने के लिए निर्देशित किया और इसके लिए आवश्यक सहायता और समर्थन की भी बात की।
प्रमुख विशेषताएं:
- तेजी से बढ़ता यातायात: इस प्रोजेक्ट के द्वारा गाजियाबाद से कानपुर और लखनऊ की दूरी को कम किया जा रहा है, जिससे यातायात का समय और दूरी दोनों ही कम होंगे। यह नया कॉरिडोर लोगों को अधिक समय और धन की बचत करने में मदद करेगा।
- औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना: ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को आधुनिक और सुगम यातायात का लाभ मिलेगा, जिससे उनका विकास और वृद्धि होगी।
- राज्य के विकास में योगदान: यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे राज्य के विकास को गति मिलेगी।
मेरठ से कनेक्टिविटी:
ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि यह मेरठ एक्सप्रेसवे को भी दो जगह से कनेक्ट करेगा। यह उत्तरी प्रदेश के मेरठ, हापुड़, अमरोहा क्षेत्रों को भी इस सुगम और तेजी से बढ़ते हुए यातायात का लाभ देगा।
निष्कर्ष:
जनरल वीके सिंह जी के प्रयासों से ‘ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर’ प्रोजेक्ट ने नई ऊर्जा और गति से भरे उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल दर्शाई है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से यातायात को सुगम और तेज़ बनाने के साथ-साथ राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।