उच्चतम न्यायालय ने राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी “केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं” को लेकर दायर मानहानि की शिकायत खारिज कर दी है। यह शिकायत गुजरात के एक व्यवसायी ने दायर की थी।
न्यायालय ने कहा कि टिप्पणी को मानहानि नहीं माना जा सकता क्योंकि यह एक समुदाय के सभी सदस्यों के बारे में नहीं है। इसे एक राजनीतिक भाषण के दौरान की गई थी और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षित किया जाता है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस टिप्पणी ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है और यह मानहानि का एक स्पष्ट मामला है।
हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि टिप्पणी को मानहानि नहीं माना जा सकता क्योंकि यह एक समुदाय के सभी सदस्यों के बारे में नहीं है। न्यायालय ने यह भी कहा कि टिप्पणी एक राजनीतिक भाषण के दौरान की गई थी और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षित किया जाता है।