बाघा नदी पर तत्कालीन अंचलाधिकारी अभिषेक कुमार व बुधसी पैक्स अध्यक्ष का अवैध कब्जा
बुधसी और मंगोलपुर के मध्य बाघा नदी बहती है जो अपने जल से पड़ोस के कई गांव के सिंचाई के काम आती थी मगर बुधसी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह व उनके परिवार द्वारा बाघा नदी के बीचो-बीच फर्जी बैनामा कराकर कब्जा कर लिया गया है खेती होने के वजह से पूरे बाघा नदी का बहाव बिल्कुल रुक गया और यह विगत कई वर्षों से इसी तरह चल रहा है स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध भी किया गया परंतु उस समय के तत्कालीन विधायक और अब के पूर्व विधायक के पूर्ण संरक्षण के वजह से आज भी पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह व उसका पूरा परिवार बाघा नदी पर सरकार को ठेंगा दिखाते हुए काबिज है।
गौरतलब हो कि सिधवलिया के पूर्व प्रमुख संगीता सिंह ने इसकी बहुत जोरदार लड़ाई लड़ी और पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह व उसके परिवार के नाम पर हुई फर्जी बैनामा को निरस्त करवाया निरस्तीकरण 22 –02 -2022 को हो गई लेकिन वर्षों से काबिज अवैध और फर्जी कब्जेदार व्यक्तियों पर तत्कालीन अंचलधिकारी अभिषेक कुमार या जिलाधिकारी द्वारा कोई भी न्याय संगत कार्रवाई नहीं की गई बल्कि उल्टा अभिषेक कुमार अंचलाधिकारी ने सत्येंद्र सिंह वैगरह को खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा उससे होने वाले लाभ में शामिल हो गया .
पूर्व प्रमुख संगीता सिंह के द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब कार्रवाई होगी यह कह कर
टालता रहा अब भी बाघा नदी के उस जमीन में सरसों का फसल लहरा रहा है पूर्व प्रमुख ने जिलाधिकारी और अंचलाधिकारी को पत्र द्वारा सूचित कर दिया है तथा साथ में मांग की है की फसल को जप्त किया जाए अवैध और फर्जी बैनामा कराने वाले तथा करने वालों के बिरुद्ध एफ आई आर एवं मुआवजा वसूल किया जाए। पूर्व प्रमुख के आवेदन के बाद पूरा अंचल कार्यालय सत्येंद्र सिंह के पक्ष में कार्य कर रहा है नोटिस देकर कार्रवाई के नाम पर लीपा- पोती की जा रही है, आवेदन के बाद राजस्व कर्मचारी ने अंचलाधिकारी के निर्देश पर बाघा नदी जिसमे सरसो की फसल है , का भौतिक मुआइना भी किया वीडियो और फोटोग्राफ्स भी बनाये तथा बकौल राजस्व कर्मचारी ने अंचलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर दिया है।
संगीता सिंह ने अभी अभीवार्ता से बताया कि यदि अंचलाधिकारी ने फसल जप्त नहीं किया एफ आई आर नहीं किया मुआवजा वसूल नहीं किया तो अंचलाधिकारी सहित सभी कबजादारों पर कोर्ट द्वारा मै मुकदमा दर्ज करवाऊंगी। बाघा नदी की बहाव के लिए सफाई जरूरी है l खेती जीवन हरियाली, पशुओं सभी के लिए यह छोटी सी नदी की सोती जीवन रेखा है, इससे मैं खत्म नहीं होने दूंगी अगर जरूरत पड़ी तो बड़ी आंदोलन भी की जाएगी l