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डीआईजी नौशाद आलम ने सावन की तीसरी सोमवारी पर शिवभक्तों के बीच बांटे बेलपत्र व पूजा सामग्री

पलामू | संवाददाता

सावन की तीसरी सोमवारी पर पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम ने धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना में भाग लिया और शिवभक्तों के बीच बेलपत्र व पूजा सामग्री का वितरण कर श्रद्धा और भाईचारे का संदेश दिया।



🛕 मंदिरों में पहुंचे डीआईजी, श्रद्धालुओं से की बातचीत

डीआईजी नौशाद आलम सोमवार को कामनापूर्ति शिव मंदिर, चियांकी पहाड़ी मंदिर सहित कई प्रमुख शिवालयों में पहुंचे। वहाँ उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं एवं पुरोहितों से बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी।

उन्होंने कहा,

> “श्रावण का माह और उसमें सोमवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन सच्चे मन से की गई आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”



🧘‍♂️ श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती

पूजा के बाद डीआईजी ने श्रद्धालुओं के बीच बेलपत्र, धूप, कपूर और अन्य पूजा सामग्री वितरित की। उनके इस कार्य को देख श्रद्धालुओं ने इसे गंगा-जमुनाई तहजीब की मिसाल बताया। कई श्रद्धालु भावुक होकर बोले कि

> “यह भाईचारे और सांस्कृतिक एकता की सच्ची तस्वीर है।”



🔍 व्यवस्था का निरीक्षण और सद्भावना का संदेश

डीआईजी ने मंदिर परिसरों में विधि-व्यवस्था की समीक्षा की और प्रशासनिक स्तर पर शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि:

> “पलामू जैसे बहुधार्मिक क्षेत्र में आपसी सम्मान, सांस्कृतिक एकता और संवाद ही सबसे बड़ी पूंजी है। प्रशासन समाज से जुड़कर ही वास्तविक सेवा कर सकता है।”



🪔 भक्ति और प्रशासन का सुंदर समन्वय

डीआईजी नौशाद आलम का यह कदम धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक सौहार्द और प्रशासनिक संवेदनशीलता का प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है। उनके इस प्रयास से न केवल समाज में भक्ति का वातावरण प्रबल हुआ, बल्कि प्रशासन के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ।

Abhi Varta
Author: Abhi Varta

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