संवाददाता: कमल सिंह रावत | देहरादून/दिल्ली
उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक पवन सेमवाल के गीत “धामी रे तिल मि नि थामि रे” ने सत्ता को आईना दिखाते हुए, उत्तराखंड सरकार की नीतियों व आमजन की पीड़ा को बेबाकी से उजागर किया है। लेकिन इस गीत के बाद उनके साथ जो हुआ, उसने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बिना वारंट रात 2 बजे पुलिस उठाकर ले गई
पवन सेमवाल ने आरोप लगाया कि उन्हें 13 जुलाई 2025 और 20 जुलाई 2025 को रात 2 बजे दिल्ली स्थित उनके निवास विनोद नगर (पूर्वी) से उत्तराखंड पुलिस ने बिना किसी वारंट के उठाकर ले जाया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौज की। दोनों बार उनके और उनके साथी के फोन भी जब्त कर लिए गए, और उन्हें अलग-अलग गाड़ियों में बिठाकर रास्ते में प्रताड़ित किया गया।

“हमें कपड़े तक पहनने नहीं दिए, ऐसा व्यवहार किया जैसे किसी अपराधी को उठा रहे हों” – पवन सेमवाल
पवन सेमवाल के अनुसार, उनके साथ गए उनके कंपनी के मालिक श्री दीपक सिंह नेगी को भी पुलिस ने अपराधी जैसा ट्रीट किया।
महिला का वायरल वीडियो: जान से मारने की धमकी
घटनाक्रम के बाद, देहरादून की एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह कहती दिख रही है:
> “पवन सेमवाल ने महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। अगर वह मेरे सामने आया तो मैं उसकी गर्दन काट दूंगी।”
महिला ने यहां तक कहा कि उस पर पहले से 28 केस दर्ज हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल ने उठाई आवाज, DCP से की भेंट
इस घटनाक्रम के विरोध में उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के पूर्वी जिला DCP से मिला। प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
डॉ. बिहारीलाल जलंधरी (UKD प्रदेश अध्यक्ष)
श्री प्रताप सिंह शाही (प्रभारी)
डॉ. खीमानंद सती (संगठन महामंत्री)
श्री एसपी गौड़ (मार्गदर्शक)
श्री सुबोध रावत (उपाध्यक्ष, प्रभारी – नार्थ ईस्ट दिल्ली)
श्रीमती कालसा शर्मा (महिला मोर्चा सचिव)
DCP का आश्वासन:
DCP ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिया कि पवन सेमवाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और वायरल वीडियो में धमकी देने वाली महिला पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि उत्तराखंड पुलिस फिर से बिना सूचना के पहुंचती है, तो दिल्ली पुलिस तत्काल हस्तक्षेप करेगी।
प्रतिनिधिमंडल में दीपक नेगी, दीपक (एडिटिंग), नवीन राहुल, लकी, और गोपाल जैसे कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
