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“डॉ बी एन राव और बी राव के विचारों को गांव-गांव पहुंचाएंगे डॉ रूद्र “

डॉ बी एन राव और बी राव जैसे महान संविधान विशेषज्ञों और न्यायविदों का योगदान आज भी भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह बात डॉक्टर रूद्र ने अपने वक्तव्य में कही। उन्होंने कहा कि इन दोनों महान व्यक्तित्वों ने भारतीय संविधान निर्माण, न्याय प्रणाली और सामाजिक समरसता की जो नींव रखी थी, उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।

डॉ रूद्र ने कहा कि डॉ बी एन राव को ‘संविधान शिल्पी’ कहा जाता है। उन्होंने संविधान मसौदा समिति को कानूनी सलाह दी, अनुच्छेदों की व्याख्या की, और भारतीय संविधान को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया। वहीं, बी राव ने न्यायिक और प्रशासनिक सुधारों में अपनी अहम भूमिका निभाई। उनका जीवन सादगी, ईमानदारी और न्यायप्रियता का उदाहरण रहा।


डॉ रूद्र ने घोषणा की कि वे गांव-गांव, शहर-शहर अभियान चलाकर इन दोनों महापुरुषों के विचारों, भाषणों और संविधानिक कार्यों को घर-घर तक पहुंचाएंगे। विशेषकर युवाओं को इनके बारे में पढ़ाया जाएगा ताकि वे जान सकें कि भारतीय संविधान किन आदर्शों पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि डॉ बी एन राव का योगदान डॉ अंबेडकर से कम नहीं, बल्कि कई दृष्टियों से अधिक था। साथ ही उन्होंने बी राव जैसे व्यक्तित्वों की नीतियों को आज के प्रशासनिक सुधारों के लिए मार्गदर्शक बताया।

डॉ रूद्र ने बताया कि भविष्य में पुस्तक मेलों, सेमिनारों और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से इन महापुरुषों के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक देश की नई पीढ़ी इन नामों को नहीं जानेगी, तब तक संविधान की आत्मा को भी नहीं समझ पाएगी।

उन्होंने सभी शिक्षकों, छात्रों और सामाजिक संगठनों से इस अभियान में भाग लेने की अपील की और कहा कि जल्द ही एक विस्तृत दस्तावेज तैयार कर हर गांव की लाइब्रेरी, स्कूल और कॉलेज में उपलब्ध कराया जाएगा।

Abhi Varta
Author: Abhi Varta

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