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डीआईजी नौशाद आलम हर रोज सुनते हैं फरियादियों की बात

मौके पर ही निपटारा की पहल से जनता में बढ़ा भरोसा

मेदिनीनगर।
पलामू क्षेत्र के डीआईजी नौशाद आलम आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए यह संदेश दे रहे हैं कि पुलिस केवल कानून का पालन कराने वाली संस्था नहीं, बल्कि जनता के सुख-दुख की सहभागी भी है। वे प्रतिदिन अपने कार्यालय में फरियादियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनते हैं और उन्हें प्राथमिकता पर निपटाने की कोशिश करते हैं।



डीआईजी आलम की सबसे खास कार्यशैली यह है कि वे फरियाद सुनने के बाद संबंधित थाना प्रभारी को तुरंत निर्देश देकर आवेदन अग्रसारित करते हैं। कई मामलों में वे दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित कराकर सीधे मौके पर समझौता कराते हैं, जिससे पीड़ितों को त्वरित राहत मिलती है।

उनके इस व्यवहारिक और संवेदनशील रुख का असर दूरदराज के गांवों तक देखने को मिल रहा है। लोग अब निडर होकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं और अपनी बात खुलकर रख रहे हैं।

डीआईजी नौशाद आलम का यह प्रयास पुलिस व्यवस्था को मानवीय रूप देने की दिशा में एक मिसाल बनता जा रहा है। उनके आचरण से यह साबित होता है कि जब कोई वर्दीधारी अधिकारी संवेदनशील हो, तो व्यवस्था में भरोसा बढ़ता है और समाज में सामंजस्य की भावना मजबूत होती है।

Abhi Varta
Author: Abhi Varta

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