दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाई गई है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने पूर्व और सेवारत कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाये का भुगतान करने में विफल रहने पर चेतावनी दी है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, “यह कर्मचारियों का मूल वेतन है। एमसीडी भुगतान करने में विफल रहती है, तो उसे बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकते हैं।”
पीठ ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन, पेंशन और बकाया का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है। दस दिनों में कर दिया जाएगा वेतन और पेंशन का भुगतान।
एमसीडी की संज्ञान लेने की चेतावनी
अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि एमसीडी को अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके और साधन खोजने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। एमसीडी के स्टैंडिंग काउंसिल ने बकाया के मुद्दे पर निर्देश लेने की घोषणा की है।
यहाँ बता दें कि एमसीडी बकाया चुकाने के लिए कदम उठा रही है, और एक समय बकाया में भुगतान की जाने वाली कुल राशि लगभग एक हजार करोड़ थी, जो अब घटकर 400 करोड़ रह गई है।
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