जानिये पूरा मामला : इलाहबाद कोर्ट ने निठारी काण्ड में अपना फैसला सुनाते हुए दोनों अभियुक्तों को बरी कर दिया है। 16 साल से चल रहा था केस। सरकारी वकील अपना पक्ष अच्छे से नहीं रख सके इस लिए दोनों को बरी किया गया है। पूर्व बार अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले को पढ़ने के बाद ही इस पर पता चल सकता है कि किस आधार पर हाईकोर्ट ने कोली को बरी किया है। वैसे, मनिंदर सिंह पंढेर को तो बरी होना ही था। पूरे मामले में उसकी भूमिका साबित नहीं हो पाई थी। चूंकि उसका मकान था इसलिए उसे आरोपी बनाया गया। पंढेर के स्वास्थ्य और उम्र को देखते हुए उसको बरी करने से आश्चर्य नहीं हुआ है।